अमित शाह ने कहा- हमने नहीं, शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया, फडणवीस बोले- सही समय पर अपनी बात रखूंगा

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को शिवसेना पर जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार बनाने का दावा पेश करने वाली तीनों पार्टियों ने अपने सिद्धांतों और विचारधारा को त्याग दिया है। शाह ने कहा- जनादेश के खिलाफ पहले कौन गया, मेरे विचार में शिवसेना ने स्पष्ट रूप से लोकतंत्र के खिलाफ काम किया। फिर भी किसी ने उनसे इस पर सवाल नहीं किया।


इधर मुंबई में महाराष्ट्र विधानसभा का बुधवार को विशेष सत्र बुलाया गया। इसमें प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने सभी 288 विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर क्या अजीत पवार के साथ जाना गलती थी, देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उचित समय आने पर ही अपनी बात रखूंगा। वहीं, अजित पवार ने कहा कि मैं पहले ही कह चुका हूं कि राकांपा में हूं। क्या उन्होंने मुझे बाहर निकाला? क्या आपने ऐसा कहीं सुना या पढ़ा? मैं अब भी राकांपा के साथ हूं। बैठक के बाद पवार ने कहा- मुख्यमंत्री कल शपथ लेंगे। मैंने अपनी पार्टी के सभी विधायकों को कार्यक्रम बता दिया है और उन्हें वहां उपस्थित रहने को कहा है।


अजित के गले लगकर सुप्रिया ने किया स्वागत


इस मौके पर शरद पवार की बेटी और राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने विधानसभा में सभी विधायकों की अगवानी की। सुप्रिया अपने भाई अजित पवार के गले भी लगीं। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारियां बढ़ी हैं। पूरे महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। इस बीच, उद्धव ठाकरे और उनकी पत्नी रश्मि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे।


महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेता चुने गए थे उद्धव


इससे पहले, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को होटल ट्राइडेंट में मंगलवार को तीनों दलों  के विधायकों की बैठक में गठबंधन का नेता चुना गया। इसके बाद देर शाम गठबंधन का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचा। इसमें आदित्य ठाकरे के साथ बालासाहेब थोराट, एकनाथ शिंदे, छगन भुजबल समेत कई नेता शामिल थे। उन्होंने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा और सरकार बनाने का दावा पेश किया। उद्धव 28 नवंबर शाम 6.40 बजे शिवाजी पार्क में  शपथ लेंगे। वे राज्य के 29वें मुख्यमंत्री होंगे। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी नाम दिया गया है।


'मैंने कभी नेतृत्व का सपना नहीं देखा'


ट्राइडेंट होटल में सोमवार को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की बैठक में पहुंचे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा- ''मैंने कभी भी प्रदेश का नेतृत्व करने का सपना नहीं देखा था। मैं सोनिया गांधी और अन्य को धन्यवाद देना चाहता हूं। हम एक-दूसरे पर विश्वास रखते हुए देश को एक नई दिशा दे रहे हैं।'' राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा-  राज्य में बदलाव की जरूरत थी। बालासाहेब ठाकरे का जिक्र करते हुए शरद पवार ने कहा कि वह काफी हाजिरजवाब थे। अगर आज वह होते तो बहुत ज्यादा खुश होते। होटल से निकलकर उद्धव ने मातोश्री में बालासाहेब के कमरे में जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।


विचारधारा से कोई समझौता नहीं किया: उद्धव
उद्धव ने यह भी स्पष्ट करने की कोशिश की कि शिवसेना ने हिंदुत्व की विचारधारा से समझौता नहीं किया है। उन्होंने कहा, ''मेरे हिंदुत्व में किसी तरह का झूठापन नहीं है। वे कह रहे हैं कि हमने शिवसेना के आदर्शों का उल्लंघन किया लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि उनको पालकी में बिठाने के लिए शिवसेना की स्थापना नहीं हुई थी।'' 
 
राउत ने दावा किया था- ठाकरे 5 साल मुख्यमंत्री होंगे
सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट के फैसले के बाद ही सीएम देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने इस्तीफा दिया था और इसी के साथ साफ हो गया था कि महाराष्ट्र में सत्ता का गठन राकांपा-कांग्रेस-शिवसेना गठबंधन करेगा। इसके बाद ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने दावा किया था कि उद्धव ठाकरे 5 साल मुख्यमंत्री रहेंगे।


फडणवीस ने कहा- जिन्होंने हॉर्सट्रेडिंग के आरोप लगाए, वे अस्तबल खरीदकर बैठे
मंगलवार को फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अजित पवार ने मुलाकात की और कहा कि कुछ कारणों से वे इस गठबंधन में नहीं रह सकते। उन्होंने अपना इस्तीफा मुझे सौंपा। उनके इस्तीफे के बाद हमारे पास भी बहुमत नहीं है। भाजपा ने पहले दिन से एक भूमिका ली थी कि हम किसी विधायक को नहीं तोड़ेंगे। हम हॉर्स ट्रेंडिंग नहीं करेंगे। इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार अपने ही बोझ तले दब जाएगी। शिवसेना के नेता सोनिया गांधी के नाम की कसम खा रहे थे। हमें आश्चर्य हुआ कि सत्ता के लिए वे कितने लाचार हैं। जिन्होंने हम पर हॉर्स ट्रेंडिंग का आरोप लगाया, वे तो पूरा अस्तबल खरीदकर बैठे हैं।''


Popular posts
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना पर लगी रोक, इसी साल जुलाई से हुई थी शुरू
अजित पवार ने कहा-मैं आज भी राकांपा में हूं, शरद पवार हमेशा रहेंगे उनके नेता, पीएम को भी कहा थैंक्यू
चार दिन चली गुपचुप सरकार
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने संविधान दिवस पर मंत्रालय के सामने सरदार पटेल उद्यान में देश में 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत भारतीय संविधान की उद्देशिका का वाचन किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों-कर्मचारियों से भी भारतीय संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाया। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा वाचन की गई संविधान की उदे्दशिका इस प्रकार है:- "हम, भारत के लोग, भारत को एक (संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथ-निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य) बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को : सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़-संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ईसवी (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सत्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। " इस मौके पर मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।
कांग्रेस, NCP और शिवसेना की तिकड़ी ने कैसे दी BJP को 'मात